कहीं दिन कहीं रात


एक ही सी है बात, कहीं दिन कहीं रात
बस जगह अलग हैं, अलग है नज़रिया। 

कहीं सूरज की रोशनी, कहीं टिमटिमाते तारे
ज़मीन से उड़ने की तैयारी कहीं,
और कहीं सपनों में खो जाने की चाहत।

दिन की हलचल या अंधेरे का सुकून 
एक ही सी है बात, कहीं दिन कहीं रात।

~ stuti

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