बारिश का मौसम, मिट्टी की खुशबू और तन्हा रास्ता
साथ है हवा सुहानी, खुद से ही गुफ़्तुगू और प्यार भरी बातें;
आशियाँ बनाया ख्यालों का, दीदार हुआ मस्तानों का
अजनबी राहें बन गयी अपनी सी, कुछ कशिश होने लगी;
आंखें करने लगीं बातें, हसीन हो गयी मुस्कुराहटें
मन गया मान, दुनिया फिर खूबसूरत लगने लगी।
I love the way you potray your emotions into words ...lovely thoughts !
ReplyDeleteThank you Debjani :)
DeleteThats a lovely poem Stuti! Simply as fresh and lovely as the rains after a scorching day!
ReplyDeleteThank you so much 😊
Deleteये पढ़ के महाराष्ट्र के बारिश की याद आ गई
ReplyDeleteWaah! Nice :)
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